तुम अच्छे हो


मैंने इस छोटे से जीवन में
बहुत प्यारे लोगों को पाया
किन्तु तुम उन सबमे
सबसे अनोखी और प्यारी हो
क्योंकि तुम्हारी मासूमियत
और तुम्हारा भोलापन
मुझे हमेशा तुम्हारी ओर
जाने क्यों आकर्षित करता है
इतना ज्यादा भोली ख़ूबसूरती
कभी नहीं देखी किसी मे
तुझमे जो सच्चाई है
सबसे बड़ी अच्छाई है
ओर जब तेरी आँखों
की ओर लौटता हूँ
तो गजब हो जाता है
उनमे इतना खो जाता हूँ
की सारे जहाँ को आसानी से
भूल सा जाता हूँ
तेरी बातें तो ऐसी होती हैं
जो हमेशा अपनापन का अहसास
करवाती रहती हैं
तू इतनी अच्छी कैसे है
क्यों है
तेरे प्यार में भी
मासूमियत क्यों
भरी पड़ी है
तू बता दे मुझे ! भूपेन्द्र प्रताप सिंह

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