शनिवार, 2 फ़रवरी 2013

चिड़िया ,कबूतर ,कोयल ,बतख ,मोर ,गौरैया , तोता

चिड़िया ,कबूतर ,कोयल ,बतख ,मोर ,गौरैया , तोता ..
जब बीमार होते होंगे तो इलाज़ कहाँ करवाते होंगे ......
शायद प्रकृति इनकी देखभाल करती होगी ..
क्योंकि मैंने लावारिस इंसान तो सड़क पर मरते देखें है 
पर पक्षियों को यहाँ वहाँ मरे हुए नहीं देखा ..
जबकि उनकी संख्या भी लाखों करोडो हैं 
पता नहीं ये अपने प्राण कहाँ त्यागते हैं 
या फिर कभी मरते ही नहीं ....
हाँ कभी कभी ओलों से घायल पक्षी जरूर देखें हैं 
जो पक्षी इंसान के चंगुल में फस गए 
उनको मैंने बीमार सा देखा है ..
निराश और उदास सा देखा है ...
क्या आपने कभी पक्षीयों को 
मरते ,तडपते ,बीमार हालत ने देखा है 
इंसानों की तरह .....शायद यदा कदा ......