शनिवार, 13 जून 2015

ग्लूकोन- डी

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में ग्लूकोन- डी बनाने वाली अमेरिकन फार्मा कंपनी H.J हेइंज के खिलाफ शिकायत दर्ज की गयी है। शिकायतकर्ता का कहना है कि ग्लीकोन-डी पीने के बाद उसके परिवार की तबियत बिगड़ गयी और लगातार उल्टियां हुईं । पीड़ित का दावा है कि पैकेट में कीड़ा भी निकला, उसके बाद उसने संबंधित फूड अथोरिटीज को तत्काल मामले की जानकारी दी।  मैगी मामले के बाद सेहत को लेकर जागरुक रहने वाले उपभोक्ताओं में बाजार में उपलब्ध कई और उत्पादों को लेकर चिंता बढ़ गयी है। हरसाल गर्मियों में ग्लूकोन-डी की खपत बढ़ जाती है। क्योंकि इसके पीने से गर्मी से राहत के साथ- साथ तुरंत ऊर्जा भी मिलती है।  लेकिन जब बुलंदशहर में एक  बुलंदशहर में जब ग्लूकोन-डी में इंसैक्ट मिला तो खाद्य विभाग के अधिकारी सकते में आ गए। और हड़कंप मच गया। 
मैगी को स्विस कंपनी नैस्ले बनाती है। हाल ही में की गयी जांच में मैगी में तयशुदा मानकों से सात गुना ज्यादा शीशा पाया था। जिसके बाद देशभर में इसको प्रतिबंधित कर दिया गया । इस मामले नें भारत में खाद्य मानको के साथ घोर लापरवाही बरतने के आरोपों को हवा दी है। 
 ग्लूकोन- डी मामले की जांच लखनऊ की लैब में हो रही है। जिसकी फाइनल रिपोर्ट आनी बाकी है। वहीं मैगी बनाने वाली नैस्ले ने भारतीय लैब में की गयी जांच को चुनौती देते हुए दावा किया है हमारे मानक दुनियाभर में समान हैं। अपने नागरिकों की अच्छी सेहत को मद्देनजर रखते हुए सरकार को हरसंभव प्रयास करने की जरूरत है। 

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